Bevarc: कैसे तीन दोस्तों ने कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में मचाया धमाल!
2023 में तीन दोस्तों – रवि रंजन, विवेक और आकाश – ने Bevarc की शुरुआत की, जो कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में वन-स्टॉप सॉल्यूशन दे रहा है। पारंपरिक निर्माण सेवाओं में आने वाली समस्याओं को देखते हुए, उन्होंने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जो डिजाइनिंग, बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन, मटेरियल सप्लाई और वर्कर प्रोवाइडिंग की सुविधा देता है। आज Bevarc के पास 10+ लोगों की टीम और 600 से अधिक वर्कर्स हैं। बिहार सरकार के स्टार्टअप इनिशिएटिव और IC IIT पटना के इनक्यूबेशन सपोर्ट ने इन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। अब यह स्टार्टअप मुनाफे में है और अपनी सेवाओं का विस्तार करने की योजना बना रहा है।
घर बनाना अब आसान: Bevarc कैसे दे रहा है वन-स्टॉप कंस्ट्रक्शन सॉल्यूशन?
Bevarc एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो घर बनाने की पूरी प्रक्रिया को सरल और किफायती बनाता है। पारंपरिक रूप से, घर बनाने में सही डिज़ाइन, अच्छे मैटेरियल और अनुभवी वर्कर्स की कमी के कारण कई समस्याएं आती हैं। Bevarc इन सभी परेशानियों का हल एक ही जगह पर देता है। यह मात्र ₹2 प्रति स्क्वायर फीट की दर से डिजाइनिंग सर्विस, ₹1000 to 2000 में साइट विजिट, और वर्कर प्रोवाइडिंग सर्विस देता है। इसके अलावा, यह होम लोन और ईएमआई विकल्प भी उपलब्ध कराता है। जल्द ही यह कंस्ट्रक्शन मैटेरियल के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च करने जा रहा है, जिससे निर्माण प्रक्रिया और आसान हो जाएगी।
गांवों में घर बनाने की दिक्कतें और Bevarc का समाधान
ग्रामीण इलाकों में घर बनाना आसान नहीं होता। गलत मैटेरियल चुनने, स्थानीय श्रमिकों की कमी, और इंजीनियरों की महंगी फीस के कारण लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। Bevarc इन समस्याओं को हल करने के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन लेकर आया है। यह गांवों में टेनमेंट-टाइप घरों के निर्माण के लिए सही डिज़ाइन, उचित कंसल्टिंग, और किफायती वर्कफोर्स उपलब्ध कराता है। साथ ही, यह स्थानीय श्रमिकों को उनके ही क्षेत्र में काम देने पर फोकस कर रहा है, जिससे उनकी रोज़गार की समस्या हल हो सके। Bevarc का लक्ष्य ग्रामीण भारत में निर्माण को सुलभ और टिकाऊ बनाना है।
Bevarc vs पारंपरिक कंस्ट्रक्शन: क्या बदलेगा इंडस्ट्री का खेल?
भारत में पारंपरिक कंस्ट्रक्शन प्रक्रियाएं समय-साध्य और महंगी होती हैं। लोग अक्सर सही इंजीनियरिंग गाइडेंस की कमी के कारण गलत वर्कर और मैटेरियल वैसा चुन लेते हैं जिसका कोई मीनिंग नहीं होता जहां जिसकी जितना जरूरत होती है वहां उससे ज्यादा या कम यूज करते हैं , जिसके बाद में बिल्डिंग की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। Bevarc ने इस समस्या को हल करने के लिए डिजिटल समाधान पेश किया है। पारंपरिक कंपनियों के विपरीत, यह कम लागत में कस्टमाइज़्ड डिजाइनिंग, वर्कर सपोर्ट, और मटेरियल सर्विस उपलब्ध कराता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह सभी सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर देता है, जिससे लोगों को बार-बार अलग-अलग नहीं जाना पड़ता।
Bevarc का नया मिशन: भारत का पहला कंस्ट्रक्शन मार्केटप्लेस बनाने की तैयारी!
Bevarc जल्द ही कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के लिए स्विगी/जोमैटो जैसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च करने जा रहा है। यह मार्केटप्लेस कंस्ट्रक्शन मटेरियल सप्लायर्स और कस्टमर्स को सीधे जोड़ने का काम करेगा। इस पहल से छोटे दुकानदारों को एक नई पहचान मिलेगी, और ग्राहक घर बैठे कंस्ट्रक्शन मटेरियल ऑर्डर कर सकेंगे। Bevarc ने 400 से अधिक दुकानों का सर्वे किया है और पाया कि मार्केट को वास्तव में इस तरह के प्लेटफॉर्म की जरूरत है। भविष्य में, यह बैंकों के साथ टाई-अप कर ईएमआई सुविधा भी देने की योजना बना रहा है, जिससे लोगों के लिए घर बनाना और आसान हो जाएगा।
Bevarc और स्टार्टअप बिहार: सरकारी स्कीम ने कैसे बदली तक़दीर?
Bevarc की सफलता में "स्टार्टअप बिहार" योजना का बड़ा योगदान रहा है। इस स्टार्टअप को बिहार सरकार से ₹10 लाख की फंडिंग मिली, जिससे यह अपने ऑपरेशंस को बेहतर बना सका। इसके अलावा, IC IIT पटना के इनक्यूबेशन सेंटर "Zero Lab" ने भी Bevarc को सपोर्ट किया। IC IIT पटना से उन्हें ₹30,000 प्रति महीने की वित्तीय सहायता मिल रही है। इन सरकारी योजनाओं के कारण Bevarc ने तेजी से ग्रोथ की और आज मुनाफे में है। यह उदाहरण साबित करता है कि सरकारी योजनाओं का सही उपयोग करके युवा उद्यमी अपने स्टार्टअप को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।
1000+ डिजाइन्स पूरे करने वाला स्टार्टअप: Bevarc की सफलता की कहानी
Bevarc ने अपनी शुरुआत डिज़ाइनिंग सर्विस से की और अब तक 1000+ डिज़ाइन्स पूरे कर चुका है। यह उनके लिए मुख्य आय स्रोत भी है। ₹2 प्रति स्क्वायर फीट की किफायती कीमत पर यह बेहतरीन आर्किटेक्चरल बिल्डिंग प्लान डिजाइन्स उपलब्ध कराता है, जिससे आम आदमी भी प्रोफेशनल डिज़ाइन अफोर्ड कर सकता है। इसके अलावा, Bevarc ने इंटीरियर डिज़ाइन और होम अप्लायंसेस पर भी काम शुरू किया है। यह स्टार्टअप अब अपनी सर्विसेज का विस्तार कर रहा है और जल्द ही और नई सुविधाएं लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में टेक्नोलॉजी का बढ़ता रोल और Bevarc की भूमिका
आज कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में टेक्नोलॉजी और डिजिटल सॉल्यूशंस तेजी से अपना प्रभाव जमा रहे हैं। CAD (Computer-Aided Design), 3D प्रिंटिंग, और AI-बेस्ड कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट टूल्स से अब निर्माण कार्य ज्यादा तेज और सटीक हो गए हैं। Bevarc इस बदलाव का हिस्सा बनकर डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को कंस्ट्रक्शन सर्विसेज दे रहा है। Bevarc का लक्ष्य डिजिटल तकनीक का उपयोग कर निर्माण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी, सुलभ और पारदर्शी बनाना है।
वर्कर्स को मिलेगा बीमा और ट्रेनिंग: Bevarc का सोशल इम्पैक्ट
Bevarc केवल एक बिजनेस नहीं, बल्कि एक सोशल इनिशिएटिव भी है। यह वर्कर्स को उनके ही क्षेत्र में काम दिलाने और उन्हें बेहतर सुरक्षा सुविधाएं देने के लिए प्रयासरत है। Bevarc की योजना है कि जब 1000+ वर्कर्स उनके साथ जुड़ जाएंगे, तो उन्हें बीमा और वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। यह कदम मजदूरों को कर्ज के जाल से बचाने और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करेगा। इसके अलावा, Bevarc वर्कर्स के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू करेगा ताकि वे नई तकनीकों को सीखकर बेहतर अवसर पा सकें।